आइटम विवाद— बोले कमलनाथ— नाम याद नहीं आ रहा था इसलिए बोला आइटम, भाजपा का भोपाल और इंदौर में दो घंटे का मौन धरना
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी को कमलनाथ द्वारा एक जनसभा में आइटम कहने को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कमलनाथ ने जहां अपने बयान पर एक बार फिर सफाई दी है वहीं भाजपा ने अपनी उम्मीदवार के समर्थन में सोमवार को भोपाल और इंदौर में दो घंटे का मौन धरना दिया। कमलनाथ का कहना है कि आइटम शब्द असम्मानजनक नहीं है। शिवराज बहाने बना रहे हैं।
एक जनसभा में कमलनाथ ने कहा, ‘जब लोकसभा में लिस्ट आती है तो उस पर लिखा होता है आइटम नंबर-1… विधानसभा में आती है तो लिखा होता है आइटम नंबर-1… आइटम कोई दुर्भावना से या असम्मानित दृष्टि से मैंने नहीं कहा… आइटम कोई असम्मानित शब्द नहीं है… मुझे उस मौके पर विधायक का नाम याद नहीं आ रहा था तो मैंने कहा वो जो यहां की आइटम हैं।’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैंने कुछ कहा था, यह किसी का अपमान करने के लिए नहीं था… मुझे सिर्फ (व्यक्ति का) नाम याद नहीं था… यह सूची (अपने हाथ में मौजूद) आइटम नंबर 1, आइटम नंबर 2 कहती है, क्या यह अपमान है? शिवराज बहाने ढूंढ रहे हैं। कमलनाथ किसी का अपमान नहीं करता, वह केवल आपको सच्चाई से अवगत कराता है।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘आइटम का प्रयोग तो आम होता है। ये तो संसद का शब्द है… ये विधानसभा में आता है… आज आप कोई प्रोग्राम देखते हैं, आज मेरा आइटम नंबर वन ओमकारेश्वर है… तो क्या ये असम्मानित हो गया। ये मैं नहीं समझता, पर उनको कहने लायक कुछ नहीं.. किसी ना किसी तरह बैठ जाएं कि जनता का ध्यान मोड़ें… ये ही उनका एक लक्ष्य है।’
शिवराज पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘आज वो जनता के सामने जाएं.. हिसाब दें… अपने 15 साल का, अपने 7 महीनों का… कितना मुआवजा दिया आपने, कितना कर्जा माफ किया, कितना रोजगार दिया। सौदेबाजी और बोली लगाकर सरकार बना ली और गद्दारी हुई… ये मध्यप्रदेश की जनता को मूर्ख समझते हैं। अगर मैं कोक पीना बंद कर दूं तो क्या रोजगार मिलने लगेगा। इनके पास कहने को कुछ नहीं है।’
आज के नाटक की क्या आवश्यकता थी
कांगेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मुझे नहीं पता की कमलनाथ जी ने किस संदर्भ में वह शब्द कहा है। मैं यह भी नहीं जानता कि आज के ‘नाटक’ और ‘नौटंकी’ के पीछे भाजपा की क्या आवश्यकता रही। मध्यप्रदेश भाजपा से किसी ने भी हाथरस की घटना पर कुछ नहीं कहा।’