किसान आंदोलन- भूख हड़ताल की घोषणा

नई दिल्ली। रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति की बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया कि किसान सोमवार को सभी प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे और 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे। इसके अलावा किसानों के समर्थन में 23 दिसंबर को किसान दिवस के मौके पर देशवासियों से एक समय का खाना त्यागने की अपील भी की गई है।

समिति ने कहा कि 23 दिसंबर को पूरा देश चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन मनाता है। यह किसान दिवस के रूप में जाना जाता है। देश के लोगों से किसानों ने अपील की है कि वे एक टाइम का खाना छोड़कर किसानों का समर्थन करें। पूरे दुनिया में जहां-जहां भारतीय हैं उनसे भी अपील की गई है कि वे इसे समर्थन दें। फैसले के अनुसार, 26 दिसंबर को एनडीए के साथी संगठनों को किसानों की तरफ से एक मैसेज दिया जाएगा कि आप सरकार के भागीदार हैं। आप केंद्र सरकार से अपील करें कि सरकार इन कानूनों को वापस ले।

जगजीत सिंह ढल्लेवाला ने सभी किसान समर्थकों से 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात के दौरान थाली बजाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि जबतक प्रधानमंत्री का संबोधन होगा तबतक थाली बजाते रहें।

एक तरफ जहां किसान नए कृषि कानून के खिलाफ सर्दी में भी सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ किसान इन कानूनों का समर्थन भी कर रहे हैं।रविवार को पश्चिमी यूपी के किसानों ने कृषि भवन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कानूनों का समर्थन करते हुए ज्ञापन सौंपा।

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने सीधे तौर पर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर बैठै किसानों की सुध लेने को खुद पीएम मोदी तक तैयार नहीं है। वहीं आंदोलन में 33 प्रदर्शनकारी किसानों की मौत हुई है लेकिन देश के प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द नहीं बोला, आखिर उनकी चुप्पी की क्या वजह है।

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