किसान आंदोलन- 17वें दिन भी कम नहीं हुआ किसानों का जोश
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन शनिवार को 17वें दिन पहुंच गया है। बारिश के बाद भी किसानों का जोश कम नहीं हुआ है। बीते 16 दिनों की तरह ही आज भी किसान अपनी दिनचर्या में लगे हुए हैं और किसी भी हालत में आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं है। किसानों द्वारा शनिवार को दिल्ली को चारों ओर से जाम करने के एलान के बीच पुलिस ने सीमा सहित दिल्ली में सतर्कता बढ़ा दी है। इसके तहत दिल्ली-यूपी-हरियाणा सीमा पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। वहां, पुलिस के साथ ही करीब तीन हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में जारी किसान संगठनों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर किसानों से अपील की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कई सेक्टर्स के बीच खड़ी दीवारें हटा रही है। औद्योगिक संगठन FICCI की 93वीं सालाना आम बैठक (AGM) में मोदी ने ताजा कानूनों के बारे में कहा कि ‘इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे,नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा। एग्रीकल्चर सेक्टर और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फ़ूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं। अब सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं। इन रिफॉर्म्स के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे,नए विकल्प मिलेंगे, टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, देश का कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक होगा। इन सबसे कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा। इन सबका सबसे ज्यादा फायदा मेरे देश के किसान को होने वाला है।
केंद्र और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद हजारों किसान नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग के साथ शनिवार को 17वें दिन भी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने वाले किसान नेताओं ने कहा कि कानून निरस्त करने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। कृषि कानून रद्द करवाने की मांग पर अड़े किसानों ने आज आंदोलन तेज कर दिया है। किसानों ने पंजाब और हरियाणा में टोल फ्री कर दिए हैं। टोल कर्मचारियों को लोगों से टैक्स नहीं वसूलने दिया जा रहा। किसानों ने ज्यादातर टोल प्लाजा पर कब्जा कर रखा है। उधर, जालंधर में किसानों का समर्थन कर रही सिख तालमेल कमेटी ने रिलायंस ज्वेल्स का शोरूम बंद करवा दिया। किसान आज दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने वाले थे, लेकिन ये कल के लिए टल गया है। किसानों के प्रदर्शन में सोशल एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान और हरियाणा के किसान आज कोटपुतली और बहरोड़ में इकट्ठे हो रहे हैं। कल दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे। पंजाब में भी टोल प्लाजा फ्री कर दिए हैं। हालांकि, वहां किसान पहले से आंदोलन कर रहे हैं। इसलिए कई टोल प्लाजा पर 1 अक्टूबर से ही फीस नहीं ली जा रही। पंजाब में नेशनल हाईवे पर 25 टोल हैं। टोल बंद होने से सरकार को हर दिन 3 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।किसानों के टोल फ्री करने की चेतावनी को देखते हुए फरीदाबाद पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा के रास्तों में आने वाले 5 टोल प्लाजा पर 3500 पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। बदरपुर, गुरुग्राम-फरीदाबाद, कुंडली-गाजियाबाद-पलवल, पाली क्रशर जोन और धौज टोल प्लाजा पर प्रदर्शनकारियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। पुलिस का कहना है कि सभी का सम्मान करते हैं, लेकिन कानून व्यवस्था बिगड़ी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किसानों के मुद्दे पर NDA से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की सुनने की बजाय उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। जिनके लिए कानून बनाए हैं, वे ही इन्हें नहीं चाहते तो केंद्र क्यों अत्याचार कर रहा है? मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे किसानों की सुनें। किसान आंदोलन में देश विरोधी लोगों के घुसने के आरोपों पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि इंटेलीजेंस को उन्हें पकड़ना चाहिए। अगर बैन ऑर्गेनाइजेशंस के लोग हमारे बीच घूम रहे हैं तो उन्हें जेल में डालना चाहिए। हमें ऐसा कोई नहीं मिला, अगर दिखेगा तो बाहर निकाल देंगे। सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि राजस्थान व यूपी के किसान सैकड़ों की संख्या में हाइवे को बंद करने के लिए निकल गए हैं। शनिवार रात या रविवार सुबह तक दोनों हाइवे को सील कर दिया जाएगा। उन्होंने पंजाब के हर गांव से कम से कम 10 युवाओं को दिल्ली की ओर कूच करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब के हर गांव से 10 युवा भी यहां आ जाएं तो प्रदर्शन में एक लाख 25 हजार युवाओं की संख्या बढ़ जाएगी। राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर पर हजारों किसान इकट्ठा हो रहे हैं। ये सभी रविवार सुबह 10:00 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे। वहीं, पंजाब के अमृतसर से 700 ट्रैक्टर-ट्रॉली में जयपुर से 300 ट्रैक्टर ट्रॉली में हजारों किसान गुरुग्राम के लिए कूच कर चुके हैं। उनका कहना है कि जहां पर किसानों को रोका जाएगा वहीं पर वह बैठ जाएंगे। इसके अलावा, पंजाब से गुरुग्राम पहुंचे किसान मेजर सिंह का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बंद कमरे में नहीं, बल्कि किसानों के बीच आकर संवाद करें। सोनीपत में खरखौदा क्षेत्र से होकर गुजरने वाले कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे की पिपली टोल को किसानों द्वारा फ्री करवाया गया है। फिलहाल सभी वाहन बगैर टोल दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, स्थानीय किसान हुक्का लेकर टोल पर बैठे हैं। कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसान ट्रेनें रोकने की चेतावनी दे चुके। इस पर रेल प्रशासन सतर्क हो गया है। पंजाब के साथ ही हरियाणा व दिल्ली-एनसीआर के साथ लगते इलाके में विशेष निगरानी रखी जा रही है। तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े आंदोलनरत किसानों का कहना है कि उनका आंदोलन गैर राजनीतिक है। इससे किसी राजनीतिक पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। । उधर, कुंडली बॉर्डर पर भी किसानों का धरना जारी रहा।प्रदर्शन के दौरान कोई हिंसा न होने पाए, इसका किसानों ने पूरा खयाल रखा। किसानों के जत्थेदार लगातार मंच से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील करते रहे। यहां पर सभी जत्थेदारों के नंबरों को मिलाकर कई वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। प्रदर्शनकारियों को कोई भी संदेश देने के लिए उसे वाट्सएप ग्रुप पर भेजा जाता है और फिर मुख्य मंच से भी नियमों के बारे में जानकारी दी जाती है। सुरक्षा और अलग-अलग जत्थों तक संदेश पहुंचाने के काम में युवाओं और बुजुर्गों को एक साथ लगाया गया है, ताकि कोई गड़बड़ी न हो।