किसान आंदोलन- ठुकराया सरकार का प्रस्ताव

नई दिल्ली । कृषि कानूनों के खिलाफ 14 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों से 6 बार बातचीत करने के बाद सरकार द्वारा आज कानूनों में बदलाव का दस बिंदुओं का लिखित प्रस्ताव किसानों ने ठुकरा दिया। किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि अब पूरे देश में आंदोलन तेज होगा। अंबानी-अंडानी के उत्पादों और भाजपा नेताओं का बहिष्कार करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान पीछे नहीं हटेंगे। यह सम्मान का मुद्दा है। क्या सरकार कानून वापस नहीं लेना चाहती? क्या किसानों पर अत्याचार होगा? अगर सरकार जिद पर अड़ी है तो, किसान भी अपनी बात पर डटे हैं। कानून वापस होने ही चाहिए।

पांच विपक्षी नेता राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे
20 सियासी दल किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। मंगलवार को किसानों के भारत बंद में भी विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार समेत विपक्ष के पांच नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर रहे हैं। इनमें माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी. राजा और डीएमके के एलंगोवन भी शामिल हैं।

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