यह है मध्यप्रदेश: खंडवा में दादी ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायत वापस नहीं ली तो पोते को भेजा जेल

मध्यप्रदेश सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत बंद करने के लिए अधिकारियों—कर्मचारियों द्वारा धमकाना तो आम बात है।

खंडवा। मध्यप्रदेश में सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के वास्तविक समाधान के स्थान पर इन्हे किसी भी तरह बंद कराने के लिए अधिकारी कई दांव—पेंच आजमाते रहते हैं। रायसेन जिले में तो अभी तक शिकायतकर्ताओं को एफआईआर और जेल भेजने की धमकियां ही मिल रही हैं, लेकिन खंडवा जिले में तो आज शुक्रवार को जेल भेज ही दिया गया। करीब 20 दिन यह शिकायत की गई थी। इस शिकायत का नंबर 21166018 है।

सामने आ रही जानकारी के अनुसार आज यहां शुक्रवार को तहसील कार्यालय में ग्राम रोहणी निवासी 70 बुजुर्ग गीता बाई पत्नी भगवानसिंह अपने पोते शुभम के साथ नायब तहसीलदार माला राय की कोर्ट में पेश हुए। दादी का कहना है कि उसे नायब तहसीलदार राय ने कहा कि तुमने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत क्यों की। उसे वापस लो। उसने कहा कि आधार अपडेट नहीं होने से दो साल से किसान कल्याण योजना की किश्त नहीं मिल रही है। आधार अपडेट हो जाएगा तो शिकायत वापस ले लेंगे। पोते ने भी यह बात कही थी। इस पर नाराज नायब तहसीलदार ने धमकाते हुए कहा कि शिकायत वापस लो नहीं तो जेल भेज देंगे। उन्होंने शिकायत वापस लेने से मना कर दिया। इस पर शुभम को जेल भेज दिया।

यह कहना है नायब तहसीलदार का
इस संबंध में नायब तहसीलदार माला राय का बयान भी सामने आया है। इनका कहना है कि सीएम हेल्प लाइन में शिकायत के चलते गीताबाई को बुलाया था। गीता बाई मुझसे नहीं मिलीं वह बाहर ही थीं। महिला मुझसे मिलती ताे विवाद ही नहीं होता। केवल पोता शुभम तहसील कोर्ट में आया था। उसे केवायसी में आधार अपडेट के संबंध में जानकारी दी गई, लेकिन वह विवाद करने लगा। कोर्ट में बाबू से भी वाद-विवाद करने लगा। इसके चलते उस पर धारा 151 में कार्रवाई कर जेल भेज दिया। सीएम हेल्प लाइन में शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालने वाली जैसी कोई बात नहीं है। उनका आरोप निराधार है।

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