5वीं— 8वीं परीक्षा: विद्यार्थियों को परीक्षा में दिक्कतें; 40 प्रतिशत स्कूलों ने नहीं किया भाषा का चयन

25 मार्च से पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षा और इधर रायसेन जिले के जामगढ में परीक्षा केंद्र बदलने से आक्रोश

भोपाल। मध्यप्रदेश में पांचवीं और आठवीं बोर्ड परीक्षा को लेकर एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से 25 मार्च से होगी। उसके आधार पर निजी स्कूलों को विद्यार्थियों के लिए भाषाओं का चयन करना था। कई स्कूलों ने इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं की है। उनका कहना है कि सालभर तक स्कूलों में विद्यार्थियों को अन्य सिलेबस से कक्षाएं लगाई। अब राज्य शिक्षा केंद्र ने एनसीईटीआर से विद्यार्थियों के लिए भाषा का चयन करने पर जोर दिया है। अब भाषा के बारे में विद्यार्थियों को तैयारी करना है। ऐसे में स्कूल से गलत भाषा चयनित होने से विद्यार्थियों को परीक्षा में दिक्कतें आएगी।

15 मार्च तक स्कूलों को प्रक्रिया पूरी करना थी, लेकिन 40 फीसद स्कूलों ने विद्यार्थियों के लिए भाषा का चयन नहीं किया है। मामले में केंद्र के अधिकारियों से चर्चा की है। स्कूलों के प्रबंधन का कहना है कि एनसीईआरटी के आधार पर विद्यार्थियों की परीक्षा में भाषा का चयन करना है। यह काम विद्यार्थियों से करवाना चाहिए, क्योंकि भाषा आधारित विषयों की परीक्षा विद्यार्थियों को देना है, क्योंकि तैयारियां उन्होंने कर रखी है।

बीते दिनों न्यायालय ने पांचवीं-आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के संबंध में आदेश दिया। उसके आधार पर राज्य शिक्षा केंद्र ने एनसीईआरटी से परीक्षा करवाने का फैसला किया। इसे लेकर स्कूलों की परेशानी बढ़ गई, क्योंकि उन्होंने अन्य सिलेबस से विद्यार्थियों की पढ़ाई करवाई है। अभिभावक भी काफी नाराज है। इन दिनों बोर्ड परीक्षा को लेकर तैयारी चल रही है। इस बीच केंद्र ने नया फरमान जारी किया है।
अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 5 व 8 में अध्ययनरत छात्रों की प्रथम द्वितीय एवं तृत्तीय भाषा की वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23 एनसीईआरटी ने निर्धारित पाठ्यक्रम एवं पाठ्य-पुस्तकों के आधार पर कराई जाना है। परीक्षा से ठीक पहले केंद्र के आदेश ने स्कूलों की परेशानी बढा दी है। अंग्रेजी, हिन्दी और संस्कृत भाषा का चयन करना है। इसके आधार पर विद्यार्थियों की भाषा की परीक्षा है।

रायसेन जिले के जामगढ में परीक्षा केंद्र बदलने से आक्रोश
(बरेली कार्यालय)


बरेली(रायसेन)। इधर रायसेन जिले में 5वीं—8वीं की बोर्ड परीक्षा
के लिए शासकीय हाईस्कूल जामगढ परीक्षा केंद्र के स्थान पर खरगोन में परीक्षा केंद्र बनाने को लेकर पालकों सहित नागरिकों में जमकर आक्रोश है। लोगों ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने निजी हितों के चलते करीब एक सैकडों मासूमों की परेशानी को अनदेखा करते हुए हमेशा से बनते आ रहे 5वीं—8वीं के एकीकृत शासकीय हाईस्कूल जामगढ परीक्षा केंद्र के स्थान पर खरगोन में परीक्षा केंद्र बना रहे हैं। इससे कई गांवों के पालकों में गहरा असंतोष तथा निराशा है और मासूमों की सुविधा को देखते हुए जामगढ में ही परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग की जा रही है। आगे बताया गया कि जामगढ केंद्र पर जामगढ, भगदेई, सेनकुआं और हमीरगंज स्कूलों के बच्चे परीक्षा देते रहे हैं। जामगढ इनके लिए एकदम सुविधाजनक है और बच्चे पैदल आकर ही यहां परीक्षा देते हैं। इन सरकारी स्कूलों में पढने वाले बच्चों के पालक गरीब वर्ग के हैं और ये वाहन—विहीन पालक मजदूरी पर जाने के कारण बच्चों को खरगोन तक छोडने—लाने की स्थिति में नहीं हैं। इसका असर यह होगा कि बडी संख्या में बच्चे परीक्षा से वंचित रह जाएंगे।

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