रायसेन— ठेकेदार नियमों के विपरीत सरपंच, सचिव और उपयंत्री से सांठगांठ करके कर रहे पंचायतों में कामतमाम

                                                 —शुभ चौपाल संवाददाता—

                                               subhchoupal@gmail.com
रायसेन। जिले की बाडी जनपद पंचायत नियम विरूद्ध मनमाने कामों से कमाई के लिए आएदिन सुर्खियों में आती रहती है। सरकारी आदेशों की धज्जियां यहां बिना किसी झिझक के उडाई जाती हैं। जनपद पंचायत की करीब पचास ग्राम पंचायतों में बीते समय से नियमों की धज्जियां उडाते हुए ठेकेदारों से काम कराया जा रहा है। ये ठेकेदार जनपद पंचायत के अधिकारियों, उपयंत्रियों और ग्राम पंचायत के सरपंच- सचिव सहित अन्य प्रभावशाली लोगों से सांठगांठ करके आधे से कम रकम में निर्माण कार्य करके शेष रकम बांट ली जाती है।

ग्राम पंचायतो से लगातार मिल रही जानकारी के अनुसार वित्त आयोग से मिली राशि ठिकाने लगाने के लिए जनपद पंचायत, ग्राम पंचायतों और ठेकेदारों के बीच गठबंधन काम कर रहा है। पंचायती राज के चुने हुए प्रतिनिधियों का कार्यकाल करीब एक साल पहले ही पूरा हो चुका था। इनके कार्यकाल में वृद्धि कोरोना संकट के समय बेहतर व्यवस्थाओं के उद्देष्य से की गई थी। इसके विपरीत ये कार्यकाल में वृद्धि को कमाई के अवसर में बदलने में लगे हुए हैं। पंचायतों में आई रकम को ठिकाने लगाकर कमाई में बाडी- बरेली के ठेकेदार सहयोगी बन गए। इन्होने जनपद पंचायत के अधिकारियों की भरपूर सेवा करके उपयंत्रियों को अपने चंगुल में ले लिया। अब ठेकेदार, सरपंच, सचिव और उपयंत्री मिलकर काम का नाम करके कमाई में जुटे हुए हैं। जनपद पंचायत के अधिकारी गांवों में जाकर
सचाई देखना जरूरी नहीं समझ रहे।

पहले भी होती रहीं हैं शिकायतें
ग्राम पंचायतों के काम अत्यंत घटिया स्तर के हो रहे हैं। बाहर के ठेकेदार इन कामों को कर रहे हैं और संबंधित अवमानक स्तर के कामों, बिना नालियों की सडकों तथा अधूरे कामों का आंखें बंद करके मूल्यांकन कर रहे हैं। इस संबंध में कई पंचायतों के नागरिकों ने पहले भी षिकायतें की हैं, लेकिन पंचायती राज के कमाउ पूतों के प्रभाव से जांच के नाम पर भी कामों की तरह लीपापोती हो जाती है।

मौजूद हैं साक्ष्य
कई गांवों के लोगों ने ‘शुभ चौपाल‘ को ऐसे साक्ष्य भेजे हैं, जिनमें बाडी- बरेली के ठेकेदार गांव में उपयंत्री के साथ मूल्यांकन करा रहे हैं। ठेकेदारों द्वारा गांव में जाकर निर्माण कार्यों की नापतौल करने के भी कई प्रमाण हैं। इसके साथ ही महिला उपयंत्रियों की काल डिटेल की जांच कराई जाए तो ठेकेदारों से लगातार बातचीत के तकनीकी प्रमाण भी सामने आएंगे।

सख्ती की अपेक्षा
गांवों के निवासियों ने कहा कि गांव में स्वीकृत कार्य ठीकठाक
हो सकें, इसके लिए बाहरी ठेकेदारों पर प्रभावी अंकुश लगाया जाना जरूरी है। ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों से मांग की गई है कि यदि गांव का काम नियम विरूद्ध बाहरी ठेकेदार से कराया गया है अथवा कराया जाता है तो इस राषि की वसूली सरपंच, सचिव, ठेकेदार, उपयंत्री और जनपद पंचायत के अधिकारियों से वसूली जाए। ऐसे कामों को सूचीबद्ध करके संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की अपेक्षा भी गई है। इस संबंध में शासन- प्रशासन से भी समुचित निर्देष जारी करने और ठेकेदारों द्वारा कराए जा रहे कामों के भुगतान रोके जाने की मांग की गई है।
—’शुुभ चौपाल’ वर्ष—3, अंक—17—

 

Get real time updates directly on you device, subscribe now.