होली विशेष: जीवन के ये अमिट रंग…

लेकिन हम इन अनमोल रंगों को सहेज पाएं

—याज्ञवल्क्य
होली रंग पर्व है। होलिका दहन हो चुका है। हम कहते रहे हैं कि होलिका दहन के साथ बुराइयां जल जाएं। रावण को जलाते बहुत वर्ष बीत चुके, किंतु हम अपने में बसे रावण को नहीं जला पाए। ऐसे ही हम होलिका दहन करते रहेंगे,लेकिन हमारे काम—क्रोध—राग—द्वेष—लोभ—मोह आदि विकार नहीं जल पाएंगे। यह इसलिए कि मनुष्य का जन्म ही अच्छाई और बुराई के साथ होता है। लेकिन होली रंगों का पर्व वैसे ही नहीं कहा जाता। जीवन के कई रंग होते हैं और होली विविध रंगों का समन्वय है।

आज यह लिखने की प्रेरणा मुझे मेरे एक मित्र से मोबाइल पर कई साल बाद हुई लंबी बातचीत से मिली। यह मेरे ऐसे मित्र हैं, जिन्हे प्रबुद्धता विरासत में मिली है। हम दोनो में एक समानता यह भी है कि जन्मकुंडली के अनुसार दोनो एक ही राशि के हैं और शायद दोनो के कई ग्रह भी एक जैसे होंगे। बीते समय में जब मैं अत्यधिक कठिन स्थितियों से जीवन के पुनर्निर्माण की हठ के साथ लेकर जूझ रहा था तो मेरे यह मित्र भी जूझ रहे थे। अब उम्र की बात करूं तो कहा जा सकता है कि ये मेरे बाद की पीढी के हैं। इसके बाद भी आपस में खुलापन और अति आत्मीयता बनी रही है। आपस में निजी भावनाओं को साझा करने में कभी कोई द्विधा नहीं रही।

मेरे इस मित्र ने अनजाने में मुझे सीख दी कि जीवन में हम बुरे रंगों को याद करते करते रहते हैं, लेकिन कई रंग बहुत चहेते भी होते हैं। यह आवश्यक नहीं कि यह मनचाहे रंग हमारे आसपास ही हों, लेकिन हमारे मन के आसपास तो रहते ही हैं। जीवन में टूटने और बिखरने के क्रम में ऐसे रंग मेरी शक्ति बने रहे हैं, जो यह भरोसा दिलाते रहे हैं कि हम जैसे बुरे लोगों को भी दुनिया के कुछ बहुत अच्छे लोग चाहते—मानते हैं। मेरे पास इन लोगों को देने के लिए कुछ भी नहीं है, लेकिन हमेशा प्रार्थना करता रहा हूं कि हे परमसत्ता! इन्हे जीवन में मनचाहे रंगों से सराबोर रखना। अपनी कारी कामरिया पर कुछ इनके हिस्से के काले रंग भी आ जाएं तो और क्या बिगड जाएगा।

कई बार सोचता हूं कि व्यावहारिक रूप से निरंतर असफलताओं का सामना करते रहने के बाद स्थितियों से जूझने और इनमे बदलाव की ताकत कैसे आ जाती है? यह मेरे ऐसे अपने होते हैं, जो कुछ नहीं होते हुए भी मुझे चमत्कार के योग्य मानते हैं। रंगों के पर्व होली पर कहना चाहूंगा कि अनचाहे रंग तो रहेंगे ही, लेकिन कुछ मनचाहे रंग भी रहेंगे। इन आत्मीय रंगों को हम सहेज पाएं तो होली और विविधरंगी जीवन अच्छे लगने लगते हैं।

होली के पंच दिवसीय पर्व की शुभकामनाएं।

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