मध्यप्रदेश— 9 जिलों में लगेंगे ऑक्सीजन बनाने के प्लांट

इससे दूसरे राज्यों पर कम होगी निर्भरता

भोपाल। बीते समय से सबक लेते हुए मध्यप्रदेश मेडिकल ऑक्सीजन की दिशा में आत्मनिर्भर होने की दिशा में बढ रहा है। इसके लिए 19 जिला अस्पतालों में वातावरण की हवा से मरीजों की सांसे चलाने वाली ऑक्सीजन बनाने के लिए प्लांट लगाए जाएंगे। ये अस्पताल सतना, विदिशा, नरसिंहपुर, कटनी, रायसेन, बड़वानी, मंडला, छतरपुर, सीधी, बैतूल, दमोह, सागर, भिंड, खरगौन, राजगढ़, बालाघाट, धार, पन्ना और शहडोल हैं।

मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन ने कंपनी के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। कंपनी का चयन हो गया तो अगले साल जनवरी-फरवरी तक ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे सामान्य हालातों में इन जिला अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पूरी हो जाएगी। कारपोरेशन ने टेंडर में यह भी साफ कर दिया है कि तैयार ऑक्सीजन की शुद्धता का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के अनुसार 93 फीसद से कम नहीं होना चाहिए। किन्हीं विशेष कारणों से इसमें तीन फीसद तक की कमी स्वीकार की जा सकती है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए नोडल बनाए गए आइएएस ऑफिसर धनराजू एस ने कहा कि अभी ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। हर दिन करीब 130 टन (103285 लीटर ) ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, जबकि ऑक्सीजन का भंडारण इससे करीब 50 हजार लीटर ज्यादा रहता है। मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कारपोरशन के एमडी सतीश कुमार एस ने बताया कि ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

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