विश्व युद्ध का खतरा: सीआईए का दावा— चीनी सेना को ताइवान पर हमले की तैयारी का आदेश

वॉशिंगटन। यह दुनिया के लिए अच्छी खबर नहीं है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने दावा किया है कि चीनी सैन्य अधिकारियों को ताइवान पर आक्रमण करने की तैयारी करने का आदेश दिया गया है। इस दावे से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

सीआईए प्रमुख ने पुष्टि की है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से संबंधित खुफिया जानकारी से पता चला है कि उन्होंने अपनी सेना को 2027 तक ताइवान में कदम रखने की तैयारी शुरू करने के लिए कहा है। सीआईए के वर्तमान डॉयरेक्टर विलियम बर्न्स ने चेतावनी दी है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने से शी जिनपिंग चिढ़े हुए हैं। ऐसे मे वे ताइवान पर आक्रमण के लिए दबाव डाल सकते हैं। सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स ने कहा कि मैं ताइवान के संबंध में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षाओं को कम नहीं आंकूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि चीन और रूस के बीच संबंधों ने सभी सीमाओं को तोड़ दिया है। वहीं, यूक्रेन के पश्चिमी दोस्तों ने इन दोनों देशों के बीच के संबंधों को कम आंकने की गलती भी की है। बर्न्स ने कहा कि मुझे लगता है कि उस साझेदारी के लिए प्रतिबद्धता को कम आंकना एक गलती है, लेकिन यह पूरी तरह से असीमित दोस्ती नहीं है।

ऐसे समझाई चीन की हडबडी
बर्न्स ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि उसने 2027 या किसी अन्य वर्ष में आक्रमण करने का फैसला किया है, लेकिन यह उसके ध्यान और उसकी महत्वाकांक्षा की गंभीरता की याद दिलाता है। इस तरह की महत्वाकांक्षा अमेरिका के लिए चिंता की बात है। खुद अमेरिका के शीर्ष सैन्य अधिकारी चीन से साथ युद्ध की संभावना जता चुके हैं। अमेरिकी वायु सेना के जनरल माइक मिनिहान ने एक आंतरिक मेमो के दौरान लिखा कि “मुझे उम्मीद है कि मैं गलत हूं। मेरी ज्ञानेंद्रियां बताती हैं कि हम 2025 में लड़ेंगे।

इसलिए विश्व युद्ध की आशंका
अगर चीन ने ताइवान पर आक्रमण किया तो अमेरिका सीधे तौर पर हस्तक्षेप करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कम से कम दो बार बोल चुके हैं कि ताइवान पर आक्रमण हुआ तो अमेरिका सशस्त्र हस्तक्षेप करेगा। इसके लिए अमेरिकी सेना को ताइवान भी भेजा जाएगा। उधर चीन बोल चुका है कि वह ताइवान पर कब्जे के लिए किसी भी कीमत को चुकाने को तैयार है। ऐसे में अगर ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन में युद्ध होता है तो इसमें नाटो का शामिल होना निश्चित है। नाटो के युद्ध में कूदते ही रूस भी चीन की तरफ से युद्ध में शामिल हो सकता है। इससे पूरी दुनिया तीन ध्रुवों में बंट जाएगी। जिसमें एक पक्ष चीन का, दूसरा अमेरिका का और तीसरा तटस्थ रहेगा।

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