किसान आंदोलन— नहीं मान रहे किसान

नई दिल्ली। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत से अभी तक कोई हल नहीं निकला है। इस बीच किसानों का आंदोलन और अधिक गति पकडता जा रहा है। किसान नेताओं ने समिति बनाने के सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। सरकार ने भारतीय किसान यूनियन के नेताओं से भी अलग से बात की। सरकार ने किसानों से बुधवार तक कानूनों पर क्लॉज दर क्लॉज लिखित में आपत्तियां देने को कहा है। यानी कानून के किन खास हिस्सों, किन खास प्रावधानों पर को आपत्ति है, उन्हें स्पष्ट तौर पर लिखकर दें। गुरुवार को दोपहर 12 बजे होने वाली चौथे दौर की बातचीत में इस पर चर्चा होगी।

मिल रही सूचनाओं के अनुसार सैकड़ों की संख्या में किसानों ने नोएडा-दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन तेज कर दिया है। किसान यहां मुख्य मार्ग पर ही धरने पर बैठे हुए हैं। इनकी मांग दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने की है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस उन्हें जाने नहीं देगी तो वो सड़क पर ही धरना देंगे। चिल्ला बॉर्डर पर किसानों के जुटने से यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है।
किसानों के प्रदर्शन के चलते नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला बॉर्डर को ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है। इस बीच दिल्ली नोएडा ट्रैफिक पुलिस की ओर से हेल्पलाइन नंबर 9971009001 भी जारी किया गया है।

दिल्ली पुलिस ने उन्हें राजधानी में घुसने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग की है। पुलिस का कहना है कि अगर किसान बुराड़ी में संत निरंकारी मैदान जाना चाहते हैं तो कोई नहीं रोकेगा, लेकिन जंतर-मंतर नहीं जाने दिया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर डेरा डाल रखा है। लगातार किसानों को समझाने का प्रयास किया जा रहा, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हैं। किसान ट्रैक्टर ट्रॉली में 30 दिन का राशन लेकर पहुंचे हैं। ट्रैक्टरों में सोने की व्यवस्था है।

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