रायसेन— विधानसभा चुनाव में जोडियां बदलने के आसार; भाजपा के तीन और कांग्रेस के दो बदल सकते हैं दावेदार
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—याज्ञवल्क्य
रायसेन। मध्यप्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव संभावित हैं। इन्हे देखते हुए प्रदेश में सत्तारुढ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस अघोषित रूप से चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। दोनो प्रमुख दल यह मान रहे हैं कि स्थितियां उनके अधिक पक्ष में नहीं हैं तो ऐसी भी नहीं हैं कि साधा न जा सके। विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर दोनो दलों में अनौचारिक विचार—विमर्श चल रहा है। अभी मिल रहे संकेतों के अनुसार, चार विधानसभा वाले रायसेन जिले में बीते विधानसभा चुनाव की जोडियां बदल सकतेी हैं। मिल रहे संकेतों के आधार पर कहा जा सकता है कि भाजपा अपने तीन प्रत्याशी और कांग्रेस दो प्रत्याशी बदल सकती है।
सत्तारुढ भाजपा के पक्ष में बढत जैसा माहौल नहीं दिखाई दे रहा। इससे पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रत्याशी चयन को लेकर अधिकतम सतर्कता बरतना चाहते हैं। भाजपा वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में डेढ़ दशक बाद सत्ता से बाहर हो गई थी। इस बार पहुंच रहीं जानकारियां 2018 से भी अधिक चुनौतीपूर्ण स्थितियों का संकेत कर रही है। चुनावी वैतरणी पार करने के लिए पार्टी गुजरात फार्मूले पर सख्ती से अमल कर सकती है। इसके लागू होने पर खराब प्रदर्शन वाले विधायकों—मंत्रियों, 60 साल से अधिक उम्र के नेताओं और तीन बार से अधिक चुनाव लड चुके नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकिट नहीं दिए जाएंगे। संकेत मिल रहे हैं कि रायसेन जिले में भाजपा बीते विधानसभा के उम्मीदवारों में से तीन को आगामी विधानसभा चुनाव में अवसर नहीं देगी। अभी भाजपा के रायसेन जिले में तीन विधायक हैं। इनमें कांग्रेस में हुई बगावत के समय ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए और उपचुनाव में सांची विधानसभा क्षेत्र से जीते वर्तमान में मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी, सिलवानी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री रामपाल सिंह तथा भोजपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा शामिल हैं।
प्रदेश में कांग्रेस वर्ष 2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद सरकार खो बैठी थी। इसका सीधा आशय यही है कि बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा की तुलना में मामूली बढत हासिल थी, जो बगावत के बाद हुए उपचुनावों में कायम नहीं रह सकी। इस चुनावी साल में कांग्रेस भी पहले की अपेक्षा अधिक सक्रिय दिखाई देने लगी है। रायसेन जिले के संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार जानकारियां जुटा रहे हैं, जिनका उपयोग आगामी विधानसभा चुनाव में टिकिट देते हुए किया जाना है। मिल रही जानकारियों के आधार पर कहा जा सकता है कि कांग्रेस जिले में बीते चुनावी उम्मीदवारों में से दो को इस बार टिकिट नहीं देगी। वर्तमान में कांग्रेस के जिले में उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र से एकमात्र विधायक देवेंद्र सिंह पटेल ही हैं। कांग्रेस का मानना है कि अच्छे उम्मीदवारों का चयन करके पार्टी जिले में तीन या कम से कम दो विधायक जिता सकती है।