किसान आदोलन— सरकार ​के साथ पहली बैठक बेनतीजा

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से मंगलवार को केंद्र सरकार की हली बैठक बेनतीजा रही। दो घंटे के पहले दौर में सरकार ने किसान प्रतिनिधियों के सामने केंद्र ने मिनिमम सपोर्ट प्राइज पर पावर प्रेजेंटेशन दिया। उनके सामने प्रस्ताव रखा कि नए कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बनाई जाए, इसमें केंद्र, किसान और एक्सपर्ट शामिल हों। दूसरे दौर में ये तय हुआ कि अगली बातचीत 3 दिसंबर को होगी। मीटिंग के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ‘बातचीत अच्छे माहौल में हुई। हमने किसानों से आंदोलन खत्म करने की बात कही, पर ये फैसला किसान ही करेंगे। हमने कहा कि कमेटी बना दें, पर किसान चाहते थे कि सभी लोग मिलकर ही बातचीत करें।’

तोमर के बयान के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान नेता चंदा सिंह ने कहा- हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या फिर शांतिपूर्ण हल। हम आगे भी चर्चा के लिए आएंगे। सरकार के बुलावे पर किसानों ने कहा था कि वे मीटिंग के लिए इसलिए तैयार हुए, क्योंकि इस बार सरकार ने कोई शर्त नहीं रखी। इससे पहले केंद्र दो बार किसानों से बातचीत कर चुकी है। आज की मीटिंग खत्म होने के बाद सरकार अब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के डेलीगेशन से भी चर्चा कर रही है।

कनाडा का समर्थन
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हालात को चिंताजनक बताया। गुरुनानक देव के 551वें प्रकाश पर्व पर एक ऑनलाइन इवेंट के दौरान ट्रूडो ने कहा कि वे हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के पक्ष में रहे हैं। हमने इस बारे में भारत सरकार को अपनी चिंताओं के बारे में बता दिया है। इधर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसानों के मुद्दे पर कनाडा के नेताओं के बयान गैर-जरूरी हैं। इनमें जानकारी की कमी लगती है। साथ ही कहा कि डिप्लोमैटिक चर्चाओं का इस्तेमाल राजनीतिक मकसद से नहीं होना चाहिए।

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