मन की बात— किसानों का मन छूने का प्रयास

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से किसानों का मन छूने का प्रयास किया। उन्होने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि कृषि सुधारों से किसानों की परेशानी दूर हो रही है। भारत मे खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे है। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि काफ़ी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरुप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं और नए अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि कैसे महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जितेन्द्र भोइजी को नए कृषि कानूनों से फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है। इस क़ानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम (SDM) को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा। अब जब ऐसे कानून की ताकत हमारे किसान भाई के पास थी, तो उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था। उन्होंने शिकायत की और चंद ही दिन में उनका बकाया चुका दिया गया।

कोरोना को लेकर यह कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मन की बात में हम अलग-अलग भांति-भांति के अनेक विषयों पर बात करते हैं लेकिन एक ऐसी बात को भी साल हो रहा है, जिसका हम कभी खुशी से याद नहीं करना चाहेंगे। करीब-करीब एक साल हो रहे हैं, जब दुनिया को कोरोना के पहले केस के बारे में पता चला था। तब से लेकर अब तक पूरे विश्व में अनेक उतार-चढ़ाव देखे है। लॉकडाउन के दौर से बाहर निकलकर अब वैक्सीन पर चर्चा होने लगी है लेकिन कोरोना को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही अब भी बहुत घातक है। कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती से जारी रखना है।

देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा वापस आ रही
प्रधानमंत्री ने कहा कि देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा भारत वापस आ रही है। माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही, हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतर्राष्ट्रीय गिरोंहों का शिकार होती रही हैं। ये गिरोह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इन्हें, बहुत ऊंची कीमत पर बेचते हैं। अब, इन पर, सख्ती तो लगायी ही जा रही है, इनकी वापसी के लिए, भारत ने अपने प्रयास भी बढ़ायें हैं। मैं कनाडा की सरकार और इस पुण्य कार्य को सम्भव बनाने वाले सभी लोगों का इस सहृदयता के लिये आभार प्रकट करता हूं। माता अन्नपूर्णा का, काशी से, बहुत ही विशेष संबंध है | अब, उनकी प्रतिमा का, वापस आना, हम सभी के लिए सुखद है।

उन्होन यह भी कहा कि भारत में भी बहुत-सी बर्ड वॉचिंग सोसाइटी सक्रिय हैं। आप भी, जरूर, इस विषय के साथ जुड़िए। मेरी भागदौड़ की ज़िन्दगी में, मुझे भी, पिछले दिनों केवड़िया में पक्षियों के साथ समय बिताने का बहुत ही यादगार अवसर मिला। पक्षियों के साथ बिताया हुआ समय, आपको, प्रकृति से भी जोड़ेगा, और, पर्यावरण के लिए भी प्रेरणा देगा। मेरे प्यारे देशवासियो, भारत की संस्कृति और शास्त्र हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए तो कई लोग वापस अपने देश जाकर, इस संस्कृति के संवाहक बन गए। मुझे “Jonas Masetti” के काम के बारे में जानने का मौका मिला, जिन्हें, ‘विश्वनाथ’ के नाम से भी जाना जाता है। जॉनस ब्राजील में लोगों को वेदांत और गीता सिखाते हैं। वे विश्वविद्या नाम की एक संस्था चलाते हैं, जो रियो डि जेनेरो से घंटें भर की दूरी पर पेट्रोपोलिस के पहाड़ों में स्थित है।

प्रकाश पर्व की बधाई
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, कल 30 नवंबर को, हम, श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। गुरुग्रन्थ साहिब में कहा गया है – “सेवक को सेवा बन आई”, यानी, सेवक का काम, सेवा करना है। बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आये और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला। गुरु साहिब ने हमसे सेवा ली।”

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