हिमाचल— कोरोना से संकट में पंचायत चुनाव

शिमला। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव पर भी संकट उत्पन्न कर दिया है। 22 जनवरी 2021 से पहले चुनाव होना आवश्यक है। इस समय सीमा में पंचायतों को भंग करके कुछ समय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है। राज्य में अब समय पर चुनाव न हो पाने की स्थिति में वैकल्पिक उपायों पर गंभीर विचार चल रहा है। इससे पहले राज्य चुनाव आयोग पांच साल के भीतर चुनाव कराता रहा है। अभी तक आयोग के सामने ऐसी स्थिति नहीं आई है कि पांच साल बाद पंचायत चुनाव कराने पड़े हों और न ही एक्ट में ऐसी कोई व्यवस्था है।

महामारी, बाढ़ और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में पंचायतों को भंग कर कमेटियां गठित कर उन्हें दायित्व सौंपने का प्रावधान है। जब कोई पंचायत भंग होती है तो कमेटियां बनाकर कुछ समय के लिए कामकाज के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। कोरोना ने राज्य चुनाव आयोग और पंचायतीराज विभाग के कामकाज की रफ्तार को धीमा कर दिया है। पहले राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त, सचिव और अन्य अधिकारी क्वारंटीन हुए थे। अब पंचायतीराज विभाग के निदेशक सहित अन्य अधिकारी और कई जिलों में विभाग के अफसर क्वारंटीन हैं।

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