प्रादेशिक साहित्यक अकादमी पुरस्कार से अशोक मनवानी सम्मानित

देशभर से बधाई और शुभकामनाओं का तांता

—याज्ञवल्क्य
भोपाल। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग की साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद् ने वर्ष 2019 के 13 अखिल भारतीय और 15 प्रादेशिक कृति पुरस्कारों की घोषणा की है। बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार—पत्रकार—कलाकार अशोक मनवानी इसमें सम्मिलित हैं। श्री मनवानी को उनके मित्रों, समाज के वरिष्ठजनों, पत्रकारों और शुभचिंतकों ने बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।

साहित्य अकादमी द्वारा उप संचालक जनसम्पर्क अशोक मनवानी को भोपाल को उनकी नाट्य कृति” वतन आजाद देखूं” के लिए 51 हजार रुपए के प्रादेशिक पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। अशोक मनवानी की 11 कृतियां प्रकाशित हैं। इनमें दो नाटक संग्रह, दो कहानी संग्रह, दो जीवनी , एक साक्षात्कार संग्रह ,दो लघु कथा संग्रह और दो अनुवाद पुस्तकें शामिल हैं। दो अनुवाद पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं।

कौन हैं अशोक मनवानी
अशोक मनवानी साहित्य, कला और पत्रकारिता में दसियों साल से देश का जाना—माना नाम रहा है। उन्होने ज्ञान और प्रतिष्ठा की अपनी पारिवारिक विरासत को और अधिक समृद्ध किया है। प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व के प्राध्यापक स्व प्रो एस एन मनवानी, सागर के सुपुत्र श्री अशोक मनवानी की पुस्तकें हिन्दी के साथ साथ सिंधी में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में 1999 में मौजूदगी, वर्ष 2005 में मिथ्या मंजिल हिंदी लघु कथा संग्रह, वर्ष 2006 में सुहिणा सिंधी (साक्षात्कार संग्रह ), रक्तदोष नाट्य संकलन वर्ष 2008, सुहिणी साधना वर्ष 2012 और हिंदी कहानी संग्रह 2014, मध्यप्रदेश में सिंधी काव्य परम्परा 2016, वतन आजाद देखूं हिन्दी नाटक वर्ष 2019 शामिल हैं। साहित्यकार श्री मनवानी साहित्य के साथ-साथ नाटक लेखन और अभिनय में भी सक्रिय रहे हैं। श्री अशोक मनवानी वर्ष 1983 से नवभारत टाइम्स दिल्ली, दै आदर्श पत्र बंगलौर, नई दुनिया, इंदौर और दैनिक जागरण, भोपाल सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में सेवाएं देते हुए पत्रकारिता से भी जुड़े रहे हैं। वर्ष 1987 में उनका चयन जनसम्पर्क अधिकारी के पद पर हुआ। वर्तमान में वे उप संचालक के पद पर पदस्थ हैं।

50 नाटकों में अभिनय
श्री अशोक मनवानी हिन्दी और सिंधी भाषा के करीब 50 नाटकों में अभिनय कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त समधी का टिफिन, मुल्क आजाद दिसां, चक्की चालू है, सहित करीब 10 एकांकियों का लेखन कर चुके हैं। रक्तदोष मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार से श्रेष्ठ कृति के रूप में 50 हजार रुपए के पुरकार से पुरस्कृत हैं। अनेक संस्थाओं से सम्मान प्राप्त हैं। लगभग एक सौ संगोष्ठियों में शोध पत्र वाचन, इंदौर लिटरेचर फेस्ट में संबोधन, गत चालीस वर्ष से पत्र-पत्रिकाओं में लेख, समीक्षा, साक्षात्कार आदि प्रकाशन के अतिरिक्त फिल्म ,नाटक समीक्षाएं भी लिख चुके हैं। इनकी लिखी करीब दो सौ फिल्म समीक्षाएं और सौ नाटक समीक्षाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। श्री अशोक मनवानी अनुवाद कार्य में भी सक्रिय हैं। श्री मनवानी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख पं श्री राम शर्मा आचार्य की दो पुस्तकों का हिंदी से सिंधी अनुवाद करने के साथ ही सिंधी उपन्यास रात का दूसरा पहर का हिंदी अनुवाद भी किया है।

अनूठा और प्रेरक व्यक्तित्व
समय की कमी और अनुकूल स्थितियां का न होना, कुछ न करने का सामान्य कारण बता दिया जाता है। ऐसे में श्री अशोक मनवानी हमारे सामने अनूठे और प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में सामने आते हैं। परिस्थितियां कुछ भी रहें, महत्वपूर्ण शासकीय दायित्वों का पूरी कुशलता से निर्वाहन करते हुए श्री मनवानी की सृजन यात्रा करीब आधा दशक पूरा कर चुकी है। गंभीर जनसंपर्क अधिकारी, मंच के सिद्धहस्त कलाकार, प्रभावी कलमकार और दुर्लभ दृश्यों को समेट लेने वाले छायाकार के बीच अशोक मनवानी हमेशा सहज, सरल और संवेदनशील बने रहे हैं। मेरी जिज्ञासा का यह स्थाई विषय रहा है कि श्री मनवानी जी एक साथ इतने व्यक्तित्वों को पूर्ण कुशलता के साथ कैसे जी लेते हैं? ‘शुभ चौपाल’ आपकी यशपूर्ण सृजन यात्रा का अभिनंदन करते हुए इसके निरन्तर नए आयामों की शुभकामना करता है।

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