बढती जा रही कोरोना की भयावहता, कई राज्यों में फिर प्रतिबंध
|
नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की भयावहता बढती जा रही है। इसका कारण चुनावों और त्यौहारों में लोगों द्वारा बरती गई लापरवाही तथा राज्य सरकारों द्वारा दिशानिर्देशों के पालन में ढिलाई माना जा सकता है। कुछ राज्यों को मजबूरन प्रतिबंध लगाने पड़ रहे हैं। शुक्रवार को हरियाणा और राजस्थान में कोराना पीडितों की प्रतिदिन की संख्या सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए। मध्य और उत्तर भारत के कई राज्यों में मामले बढ़े हैं जिसके चलते पूरी तरह लॉकडाउन तो नहीं, लेकिन कहीं-कहीं पाबंदियां फिर से लगाई गई हैं। हरियाणा में 30 नवंबर तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं। मध्य प्रदेश के पांच जिलों में नाइट लॉकडाउन रहेगा। गुजरात में पूरी तरह नाइट कर्फ्यू को अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में भी लागू कर दिया गया है। राजस्थान के 33 जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। महाराष्ट्र सरकार भी दिल्ली से आने-जाने वाली फ्लाइट्स और ट्रेनों की लिमिट तय करने पर विचार कर रही है। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को कोविड की दूसरी वेव का अलर्ट जारी किया। लोगों को सलाह दी गई है कि वे घरों से बाहर निकलने से परहेज करें।
48 दिन में पहली बार बढ़े ऐक्टिव मामले
देश में शुक्रवार को 48 दिन बाद पहली बार कोविड-19 के ऐक्टिव केसेज में इजाफा सामने आया। देश में चुनावों और त्योहारों के बाद कोरोना संक्रमण में बढ़त देखने को मिल रही है। उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत के साथ मामले और बढ़ सकते हैं। दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में केसेज बढ़ रहे हैं। कई अनुमानों के अनुसार अगर लापरवाही बरती गई तो कोविड मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। एक नैशनल कोविड-19 सुपर मॉडल कमिटी का अनुमान था कि अगर त्योहारों के मौसम में सावधानी नहीं बरती जाती तो भारत में प्रतिदिन 26 लाख केसेज तक आ सकते हैं।
ज्यादा केसेज वाले राज्यों में टीमें भेजेगा केंद्र
केंद्र ने राज्यों से टेस्टिंग में ढिलाई न बरतने को कहा है। हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मणिपुर में केंद्र की ओर से टीमें पहले ही भेजी जा चुकी हैं। इसके अलावा उन राज्यों में भी टीमें भेजी जा सकती हैं जहां कोविड के मामले बढ़ रहे हैं।