कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा का आधुनिकतम प्रयोग ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ का आधार
भोपाल। मध्यप्रदेश की तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा का आधुनिकतम प्रयोग ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ का आधार होगा। श्रीमती सिंधिया ने ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ के संदर्भ में विभागीय गतिविधियों की समीक्षा के दौरान उन्होंन कहा कि प्रदेश में कौशल विकास, कार्यबल की स्किलिंग, अप-स्किलिंग ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। वर्तमान परिदृश्य में रोजगार पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है इसलिए हमें माँग आधारित कौशल पर ज्यादा काम करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी आई.टी.आई. में टीचर्स की ऑनलाइन रेफरेशर ट्रेनिंग होगी। वर्तमान में कौन से आधुनिक ट्रेडस पर प्रशिक्षण दिया जा सकता है। इस पर अनुसंधान कर शिक्षकों को रेफरेशर कोर्स का प्रशिक्षण करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा के मध्य समन्वय स्थापित कर स्टेम (साइंस, टेक्नॉलाजी, इंजीनियरिंग एवं मेथमेटिक्स) नीति तैयार कर एक माह में इसका प्रारूप तैयार किया जाए। उन्होंने आई.टी.आई.के प्रिसिंपल को विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों को शार्ट टर्म कोर्स करने के लिए प्रेरित करने के निदेर्श दिये। उन्होंने तकनीकी शिक्षा में छात्राओं के अनुपात को बढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के भी निदेर्श दिए।इस अवसर पर प्रमुख, सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती केरोलिन खोगंवार देशमुख ने बताया कि इस शैक्षणिक सत्र में प्रवेश 64 प्रतिशत से बढ़कर 77 प्रतिशत हो गया हैं। पिछले 6 माह में 1० से ज्यादा प्लेसमेंट ड्राइव एवं कैम्पस सेलेक्शन आयोजित किये गये हैं।
बैठक में आयुक्त, तकनीकी शिक्षा पी. नरहरि ने बताया कि स्टेम नीति का पहला ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है। ड्राफ्ट को इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक कालेज के प्रिसिंपल को सुझाव और फीडबैक के लिए भेजा गया है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2०2०-21 के लिए ट्रेनिंग कैलेण्डर एवं फैकल्टी डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि पाँच इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर, रीवा, उज्जैन, एम.आई.टी.एस. ग्वालियर तथा विदिशा में कैरियर एवं प्लेसमेंट सेल संचालित हैं।