यूक्रेन से लौटे लेकिन पढाई में बाधा: जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली। रूस से युद्ध में जूझ रहे यूक्रेन से वहां अध्ययनरत विद्यार्थी सुरक्षित भारत तो आ गए हैं लेकिन उनकी पढाई को लेकर बाधा दूर नहीं हुई है। ऐसे भारतीय छात्र—छात्राएं और उनके माता-पिता रविवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। 20000 से अधिक भारतीय छात्र हैं जो स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम करने के लिए यूक्रेन गए थे, अब रूसी आक्रमण के कारण वापस वतन लौटने के बाद अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने केंद्र सरकार से राज्य के विश्वविद्यालयों में उनकी पढ़ाई पूरी करने में मदद करने की व्यवस्था करने का आग्रह किया। यूक्रेन एमबीबीएस स्टूडेंट्स (पीएयूएमएस) के माता-पिता संघ के छात्र और उनके माता-पिता इसमें शामिल हैं। इनका कहना है कि भविष्य दांव पर लगा है क्योंकि अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी है। सरकार को बच्चों की जान बचाने की ही तरह उनके भविष्य को भी बचाने में भी तत्परता दिखानी चाहिए।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने 4 मार्च को जारी एक अधिसूचना में कहा था कि विदेशी मेडिकल स्नातक जिनकी इंटर्नशिप युद्ध जैसी मजबूर स्थितियों के कारण लंबित थी, वे भारत में अपनी इंटर्नशिप के शेष भाग को पूरा करने के पात्र हैं, लेकिन इसमें ऐसा कोई निर्देश नहीं हैं। जो अपने पाठ्यक्रम के प्रारंभिक वर्षों में हैं।

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